मां बगलामुखी
36 अक्षरों वाले इस मां बगलामुखी मंत्र में है गजब
की ताकत, साधना में रखें ये सावधानियां, पढ़ें विधि

सतयुग में एक समय भीषण तूफान उठा। इसके परिणामों से
चिंतित हो भगवान विष्णु ने तप करने की ठानी। उन्होंने सौराष्ट्र
प्रदेश में हरिद्रा नामक सरोवर के किनारे कठोर तप किया। इसी
तप के फलस्वरूप सरोवर में से भगवती बगलामुखी का अवतरण
हुआ। हरिद्रा यानी हल्दी होता है। अत: मां बगलामुखी के वस्त्र एवं
पूजन सामग्री सभी पीले रंग के होते हैं। बगलामुखी मंत्र के जप के
लिए भी हल्दी की माला का प्रयोग होता है।
प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है।
1. काली
2. तारा
3. षोड़षी
4. भुवनेश्वरी
5. छिन्नमस्ता
6. त्रिपुर भैरवी
7. धूमावती
8. बगलामुखी
9. मातंगी
10. कमला।
मां भगवती श्री बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है।
साधनाकाल की सावधानियां :-
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- पीले वस्त्र धारण करें।
- एक समय भोजन करें। बाल नहीं कटवाए।
- मंत्र के जप रात्रि के 10 से प्रात: 4 बजे के बीच करें।
- दीपक की बाती को हल्दी या पीले रंग में लपेट कर सुखा लें।
- साधना में छत्तीस अक्षर वाला मंत्र श्रेष्ठ फलदायी होता है।
- साधना अकेले में, मंदिर में, हिमालय पर या किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर की जानी चाहिए।
मंत्र - सिद्ध करने की विधि :-
- साधना में जरूरी श्री बगलामुखी का पूजन यंत्र चने की दाल से -
बनाया जाता है।
- अगर सक्षम हो तो ताम्रपत्र या चांदी के पत्र पर इसे अंकित
करवाए।
- बगलामुखी यंत्र एवं इसकी संपूर्ण साधना यहां देना
संभव नहीं है। किंतु आवश्यक मंत्र को संक्षिप्त में दिया जा रहा है
ताकि जब साधक मंत्र संपन्न करें तब उसे सुविधा रहे।
मां बगलामुखी का प्रभावशाली मंत्र
विनियोग -
अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्सा नारद ऋषये नम: शिरसि । त्रिष्टुप छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये। ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये । स्वाहा शक्तये नमः पाद्योः । ॐ नमः सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोगः ।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तंभिनि सकल मनोहारिणी अंबिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधक साध स्वाहा।
ध्यान
सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम् हेमावांगरूचि शशांक क्षेत्रां सच्चम्पकस््रग्युताम्
हस्तैर्मुद्रगर पाशवज्ररसना सम्बिभ्रति भूषणै विशालांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तंभिनौ चिन्तयेत् ।
मंत्र
1. ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वावां कीलोक बुद्धि विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।
नोट : हल्दी की माला से इस मंत्र का जप करें.
36 अक्षरों वाले मंत्र में अद्भुत प्रभाव है। इसको 1 लाख जाप द्वारा सिद्ध किया जाता है। जप की संपूर्णता के पश्चात् दशांश यज्ञ एवं दशांश तर्पण भी आवश्यक है। अधिक सिद्धि हेतु 5 लाख जप भी किए जा सकते हैं।
2. अकाल मृत्यु से बचने का मां बगलामुखी मंत्र :-
'ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा:'
नोट : रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें.
शत्रुओं को परास्त करने के लिए करें मां बगलामुखी की पूजा
3. नजर नाशक मंत्र :-
'ॐ ह्रीं श्रीं हनीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय' Note : रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें।
4. सफलता का बगलामुखी मंत्र :-
'ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगामुखी देव्यै ह्नीं स्पष्टल्यं देहि देहि स्वाहा:'
नोट : रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें.
बगलामुखी यंत्र मुकदमों में सफलता तथा सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कहते हैं इस यंत्र में इतनी क्षमता है कि यह भयंकर तूफान से भी टक्कर लेने में समर्थ है।